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शनिवार, 23 मार्च 2013

ससुर और साला

                   ससुर और साला 

शादी के बाद ,
पत्नी के परिवार के ,चार रिश्ते हो जाते है ख़ास 
साला,साली,ससुर और सास
जो अपने दामाद पर ,
अपने बेटे से भी ज्यादा प्यार लुटाती है ,
वो सास कहलाती है 
ये ही तो वो गंगोत्री है जहाँ से ,
गंगा जैसी पत्नी आती है
इसीलिए सास का अहसास ,
होता है सबसे ख़ास
और दूसरा रिश्ता जो बड़ा प्यारा ,
रसीला और मन को भाता  है 
वो साली का रिश्ता कहलाता है
बड़ी प्यारी,रसीली और चुलबुली होती साली
इसीलिये उसे कहते है आधी घरवाली
पर साली छोटी हो या बड़ी,पराई होती है
फिर भी मन को भाई होती है
अब  तीसरा नंबर ससुर जी  का आता है
ये वो  प्राणी है जिससे दामाद थोडा घबराता है
ये थोडा कड़क और रोबीला लगता है
और शायद मन ही मन,
दामाद से खुंदक रखता है
क्योंकि दामाद के चक्कर में ,
दहेज़ और बिदा देते देते ,
उसको जेब ढीला करना पड़ता है
अक्सर दामाद ,ससुर के संग ,
थोड़े फॉर्मल ही रहते है ,घबराते है
होते है बेसुर ,पर ससुर कहलाते है
और लोग ,दर्दनीय स्थिति  में ,अक्सर ,
ससुर का नाम, काम में लाते है 
 जैसे 'ससुरा मारे भी ,और रोने न दे
ससुरे मच्छर ,रात  भर सोने न दे 
या ये ससुरा कहाँ बीच में कहाँ से आ गया
घर में दो ही लड्डू थे,ससुर चूहा खा गया
अक्सर ऐसी  स्थिति   में ससुर ही याद आता है ,
लोग सास का नाम कभी नहीं लेते है
हां कुछ विशेष परिस्तिथि में ,
सास के बदले ससुरी कहते है
जैसे बीबी जब मइके जाती है
ससुरी नींद नहीं आती है
अब चौथा सम्बन्धी ,जो सबसे निराला होता है
वो आपका साला  होता है 
लोग कहते है ,सारी  खुदाई एक तरफ,
जोरू का भाई एक तरफ ,
और ये सच भी है ,
क्योंकि वो आपकी पत्नी को प्यारा होता है
इसलिए मन चाही बकबक करता  है
पत्नी से ज्यादा ,आपकी चीजों पर ,
अपना हक़ रखता है
वो जब कभी भी आता है
तो समझलो आपका सारा बजट बिगड़ गया
इसीलिए लोग,किसी अनचाहे के आने पर ,
कहते है'साला कहाँ से आ गया '
किसी अवांछित काम को या अनचाहे इंसान को ,
जब हम मीठी सी गाली देते है 
तो उसे साला कहते है
'साला'बोलचाल का ,एक ऐसा शब्द बन गया है
की सबकी जुबान पर चढ़ गया है
हम साले बेवकूफ है  जो लाइन में खड़े है
और वो साला चुगलखोर है
तुम साले बहुत उस्ताद हो ,
और ये नेता साले सब चोर है 
नया बॉस साला  कड़क है 
ऐसे कितने ही वाक्यों में हम,
साले का प्रयोग ,करते बेधडक है
वैसे   कभी कभी साली का नाम भी ले लेते है 
जैसे हमारी साली किस्मत ही ऐसी है या ,
ये साली सरकार निकम्मी है,कह लेते है
पर ये सच है कि ससुराल पक्ष के ये दो रिश्ते ,
जो रोज की बोलचाल की भाषा को,
अलंकृत करते रहते है ,बड़े ख़ास है
वो ससुर और साला  है,जिनका नाम लेकर ,
हम निकालते अपने मन की भड़ास है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'




4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-03-2013) के चर्चा मंच 1193 पर भी होगी. सूचनार्थ

    जवाब देंहटाएं
  2. गोरी हो चाहे काली हो ,

    भगवान् मगर एक साली हो .साला -साली -सास -सुसर -सुसरा -सुसरी -साली का रूपकात्मक तत्व लिए है पूरी रचना .बहुत खूब .

    जवाब देंहटाएं

  3. फाग मुबारक फाग की रीत और प्रीत मुबारक

    Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947 38m
    ram ram bhai
    मुखपृष्ठ
    शनिवार, 23 मार्च 2013
    आखिर सारा प्रबंध इटली का ही तो है यहाँ .

    http://veerubhai1947.blogspot.in/
    Expand Reply Delete Favorite More
    Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947 44m
    इटली के ही पास गिरवीं है भारत की नाक http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/03/blog-post_23.html …
    Expand

    जवाब देंहटाएं

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