कोई डॉक्टर बताये - मुझे क्या हुआ है?
घनीभूत कुछ तरल ,नासिका छिद्रों में है जमा हुआ
हुआ मार्ग अवरुद्ध ,श्वास का गमन,आगम थमा हुआ
कंठ मार्ग भी वाधित है ,कुछ भी गटको तो करे पीर
शिथिल हुआ तन,आलस छाया ,है परेशान ,ये मन अधीर
जलन चक्षुओं में होती है,मस्तक थोडा भारी है
उष्मित है तन,सुनो चिकित्सक,मुझको कौन बिमारी है
है उपचार कौनसा इस ,व्याधि का मुझको बतलाओ
शीध्र स्वस्थ हो जाऊं मै भेषज कुछ ऐसी दिलवाओ
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
उम्र की दस्तक गुनगुना रही है राग मालकोस...
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मैंने तकलीफों को रिश्वत नहीं दी
कोई न्यौता भी नहीं दिया
उनकी जी हजूरी भी नहीं की
फिर भी बैठ गयी हैं आसन जमाकर
जैसे अपने घर के आँगन में
धूप में बैठी स्त...
12 घंटे पहले
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