मगर माँ बस एक है
कई तारे टिमटिमाते,आसमां में रात भर,
मगर सूरज एक है और चंद्रमां बस एक है
कहने को तो दुनिया में कितने करोड़ों देवता,
मगर जो दुनिया चलाता,वो खुदा बस एक है
कई टुकड़ों में गयी बंट,देश कितने बन गए,
ये धरा पर एक ही है,आसमां भी एक है
कई रिश्ते है जहाँ में,भाभियाँ है चाचियाँ,
बहने है,भाई कई है ,मगर माँ बस एक है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
कृतज्ञता का फूल
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कृतज्ञता का फूल समय से पूर्वऔर आवश्यकता से अधिक जब मिलने लगे जो भी ज़रूरी
है तो मानना चाहिए कि ऊपरवाला साथ है और कृपा बरस रही है !कृतज्ञता का फूल जब
खिलने ...
4 घंटे पहले
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