इजहारे इश्क-बुढ़ापे में
दिल के कागज़ पर लिखा है,नाम केवल आपका
ध्यान मन में लगा रहता है हरेक पल आपका
क्या गजब का हुस्न है और क्या अदाएं आपकी,
घूमता आँखों में रहता, चेहरा चंचल आपका
हम को दीवाना दिया है कर तुम्हारी चाह ने ,
सोने के साँचें से आया , ये बदन ढल आपका
बन संवर के ,निकलती हो ,जब ठुमकती चाल से,
दिल करे दीदार करता रहूँ दिन भर आपका
श्वेत केशों पर न जाओ,उम्र में क्या रखा,
प्यार देखो,दिल जवां है,और पागल आपका
बात सुन वो हँसे,बोले आप है सठिया गये,
जंच रहा है ,नहीं हमको ,ये प्रपोजल आपका
फिर भी ये तारीफ़ सुन कर,हमको है अच्छा लगा,
तहे दिल से शुक्रिया है,डियर 'अंकल' आपका
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
राज्य बार काउंसिल को मौजूदा कानून के तहत राज्य के बार एसोसिएशनों को
उपर्युक्त अवधि के लिए अपने चुनाव स्थगित करने का निर्देश देने का कोई अधिकार
नहीं था -इलाहाबाद हाईकोर्ट -
-
इलाहाबाद हाई कोर्ट की माननीय जस्टिस अतुल श्रीधरण और माननीय जस्टिस अनीश
गुप्ता जी की खंडपीठ ने मो आरिफ सिद्दीकी बनाम स्टेट ऑफ़ उत्तर प्रदेश एवं अन्य
में...
2 घंटे पहले
sundar post, badhai.
जवाब देंहटाएंaapka sukriya dear uncle -isko padane ke liye-aabhar
जवाब देंहटाएं