निर्मल बुद्ध चेतना लेकर
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निर्मल बुद्ध चेतना लेकरएक समन्दर विमल शांति काएक बगीचा ज्यों पुष्पों का,एक
अनंत गगन सम विस्तृतमौन एक पसरा मीलों का !दिवस अवतरण का पावन हैबरसों पूर्व
धरा पर...
13 घंटे पहले
यादे कहा पीछा छोड़ती है...
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण रचना...
bahut hi khubsurat rachna...
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