बुलंद हौंसले
आते नहीं है हमको ज्यादा दंद फंद है
दिखते जलेबी ,दिल से मगर कलाकंद है
आती न चमचागिरी ना ही मख्खन मारना ,
मुहफट्ट है ,कुछ लोगों को हम नापसंद है
हमने किसी के सामने ना हाथ पसारे ,
अल्लाह का करम है कि हम हुनरमंद है
ना टोकते ,ना रोकते रास्ता हम किसीका ,
ना बनते दाल भात में हम मूसरचंद है
है नेक इरादे तो सफलता भी मिलेगी ,
करके रहेंगे साफ़ ,ये फैली जो गंद है
कुछ करने की जो ठान ले ,करके ही रहेंगे ,
जज्बा है मन में ,हौंसले अपने बुलंद है
घोटू
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