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सोमवार, 8 अक्तूबर 2018

सौभाग्य काअंकगणित 

जैसे अंक गणित में 
एक संख्या के आगे एक बिंदी लगाने पर 
उसकी कीमत दस गुनी ,
दो बिंदी लगाने पर सौ गुनी,  
तीन बिंदी लगाने पर हज़ार गुनी हो जाती है 
और जितनी बिंदी लगाओ ,
उतनी ही बढ़ती ही जाती है 
वैसे ही कनक छड़ी सी कामिनी ,
जब एक बिंदी अपने मस्तक पर लगाती है 
उसकी आभा बढ़ कर दस गुनी हो जाती है 
और बिंदी सी गोल सगाई की अंगूठी पहन ,
वो सौभग्यकांक्षिणी  बन जाती है 
शादी कर बिंदी सी गोल बिछियाए पहन 
वो कहलाती है सुहागन 
कानो की बाली या सोने का कंगन 
नाक की नथुनी या और अन्य आभूषण 
सब गोल गोल बिंदी से ,जब नारी तन पर सजते है 
उसकी शोभा और सौभाग्य को 
कई गुना बढ़ा देते है 
खनखनाती गोल गोल चूड़ियां भी 
सुहाग की निशानी है ,ऐसा माना जाता है 
इससे बिंदी का महत्व स्पष्ट नज़र आता है 
यही सौभाग्य का अंकगणित कहलाता है 

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '  

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