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बुधवार, 8 जुलाई 2015

जीत का अंदाज

                 जीत का अंदाज          

हरेक चूहे में इतनी काबलियत कहाँ होती है ,
                 मिले एक कपडे की चिंदी ,और बजाज बन जाए
कभी भी जिसके पुरखों ने ,न मारी मेंढकी भी हो,
                 हिम्मती बेटा  यूं निकले  ,कि तीरंदाज  बन जाए
भरा मन में जो ज़ज्बा हो,अगर कुछ कर दिखाने का,
                    तो कायनात की सब ताकतें भी साथ देती है,
तुम्हारे हौंसले को फक्र  से सलाम सब बोलें,  
                    तुम्हारी जीत का कुछ इस तरह ,अंदाज बन जाए  

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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