महाराष्ट्र के महत्वकांक्षी
महत्वकांक्षाओं को ,
अगर दबाया नहीं जाए थोड़ा
तो बन जाती है,
जीवन की राह का रोड़ा
रेस में दौड़ना चाह रहा था,
तांगे वाले का घोडा
और इसी चक्कर में ,
उसने ,उससे गठबंधन तोडा
अक्सर इस तरह के ,
कई वाकये नज़र आते है
लोग न इधर के रहते है,
न उधर के हो पाते है
पूरी पाने की चाह में,
अपनी आधी भी गमाते है
चौबेजी ,छब्बे बनने के चक्कर में ,
दुबे बन कर रह जाते है
घोटू '
महत्वकांक्षाओं को ,
अगर दबाया नहीं जाए थोड़ा
तो बन जाती है,
जीवन की राह का रोड़ा
रेस में दौड़ना चाह रहा था,
तांगे वाले का घोडा
और इसी चक्कर में ,
उसने ,उससे गठबंधन तोडा
अक्सर इस तरह के ,
कई वाकये नज़र आते है
लोग न इधर के रहते है,
न उधर के हो पाते है
पूरी पाने की चाह में,
अपनी आधी भी गमाते है
चौबेजी ,छब्बे बनने के चक्कर में ,
दुबे बन कर रह जाते है
घोटू '
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