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रविवार, 7 सितंबर 2014

इंजीनियरिंग का घरेलू उपयोग

          इंजीनियरिंग का घरेलू उपयोग

मैंने जो इन्जीनीरिंग की ,की पढाई चार साल,
सोच ये कि अच्छी बीबी, नौकरी मिल जाएगी
क्या पता था गृहस्थी की,समस्याएं मिटाने,
काम में हर रोज मेरी इंजीनियरिग  आएगी
होती जब नाराज़ बीबी ,उड़ता उनका फ्यूज है ,
मैं मनाता,प्यार करता ,हाथ भी हूँ जोड़ता
दौड़ने करंट फिर से लगे दिलके तार में ,
इलेक्ट्रिक इंजीनियर  मैं ,फ्यूज उनका जोड़ता
मंहगी मंहगी गिफ्ट देता ,कितना ही चूना लगे ,
बांधता पुल तारीफों के ,बन सिविल इंजीनियर
महल सपनो के बनाता ,ले के करनी प्यार की,
बनाता हूँ सड़क ,पंहुचूं उनके दिल तक उम्र भर
गृहस्थी का इन्टीरियर ,सजता है और संवरता ,
क्योंकि मुझको आर्किटेक्चर का भी थोड़ा ज्ञान है
बीबी,बच्चे ,सास ,ननदें ,सबका सरकिट जोड़ता ,
इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का ज्ञान आता  काम है
केमिकल इंजीनियरिग की बदौलत ही आजतक ,
मेरी और बीबीजी की ,अब तक केमेस्ट्री ठीक है
साल्ट हम दोनों के मिलते ,रिएक्शन होता नहीं ,
ये मेरी इंजीनियरिग ने ही दिलाई  सीख   है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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