एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

मंगलवार, 16 सितंबर 2014

सच्चा मिलन

        सच्चा मिलन

किलकारी जब भरता ,नन्हा प्यारा  बच्चा ,
         ममता से गोदी में उसको हम भर लेते
मिलते है जब दोस्त पुराने ,दिनों बाद तो ,
           उसकी झप्पी लेते,बाहों में भर लेते 
कोई अपना मिले ,गले उसके लग कर हम,
      काँधे से चिपकाते,अपनापन होता है
किन्तु प्रेम में पागलप्रेमी है जब मिलते,
    बाहुपाश में  बंधते ,वही मिलन होता है

घोटू

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-