टायर ,हवा और हम
जब तलक थे नौकरी में ,शान से चलते थे हम ,
भरी हो जिसमे हवा ,हम ऐसे टायर की तरह
घिसा टायर और रिटायर हुए तो ऐसा लगा ,
हवा सारी निकाली ,कोई ने पंक्चर की तरह
जोड़ कर पंक्चर को फिर से भरो तुम ताज़ी हवा ,
आपको महसूस होगी ,एक नयी सी ताज़गी
रिटायर टायर में रीट्रेडिंग करा कर देखिये ,
नया लुक आ जाएगा और जायेगी बढ़ जिंदगी
टायरों में जो हवा का ठीक हो प्रेशर ,अगर,
तभी गाडी ठीक चलती ,वरना जाती डगमगा
आदमी की जिंदगी में ,बड़ी आवश्यक हवा ,
हवा से ही सांस है और जिंदगी का सिलसिला
वायु के विकार से ,आती कई है व्याधियां ,
इसलिए यह जरूरी है,नियंत्रित वायु रहे
करें प्राणायाम निश दिन ,घूम लें ताज़ी हवा ,
स्वस्थ तब ही रहे तन मन,दीर्घ ये आयु रहे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
जब तलक थे नौकरी में ,शान से चलते थे हम ,
भरी हो जिसमे हवा ,हम ऐसे टायर की तरह
घिसा टायर और रिटायर हुए तो ऐसा लगा ,
हवा सारी निकाली ,कोई ने पंक्चर की तरह
जोड़ कर पंक्चर को फिर से भरो तुम ताज़ी हवा ,
आपको महसूस होगी ,एक नयी सी ताज़गी
रिटायर टायर में रीट्रेडिंग करा कर देखिये ,
नया लुक आ जाएगा और जायेगी बढ़ जिंदगी
टायरों में जो हवा का ठीक हो प्रेशर ,अगर,
तभी गाडी ठीक चलती ,वरना जाती डगमगा
आदमी की जिंदगी में ,बड़ी आवश्यक हवा ,
हवा से ही सांस है और जिंदगी का सिलसिला
वायु के विकार से ,आती कई है व्याधियां ,
इसलिए यह जरूरी है,नियंत्रित वायु रहे
करें प्राणायाम निश दिन ,घूम लें ताज़ी हवा ,
स्वस्थ तब ही रहे तन मन,दीर्घ ये आयु रहे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।