खुश्की -सर्दियों की
इधर खुजली ,उधर खुजली
जिधर देखो, उधर खुजली
खुश्क अब सारी त्वचा है
सर्दियों की ये सजा है
क्रीम कितने ही चुपड़ लो
तेल की मालिश भी कर लो
पर मुई ये नहीं जाती
रात दिन हमको सताती
पहले आती कभी जब ,तब
उसका कुछ होता था मतलब
हाथ में जब कभी आती
खर्च या इनकम कराती
पाँव में जो कभी आये
यात्रा हमको कराये
आँख कि खुजली बीमारी
खुजलियां थी ,कई सारी
सर्दियों में तो मगर अब
हो रहे है ,हाल बेढब
हर जगह और हर ठिकाने
चली आती है सताने
घोटू
इधर खुजली ,उधर खुजली
जिधर देखो, उधर खुजली
खुश्क अब सारी त्वचा है
सर्दियों की ये सजा है
क्रीम कितने ही चुपड़ लो
तेल की मालिश भी कर लो
पर मुई ये नहीं जाती
रात दिन हमको सताती
पहले आती कभी जब ,तब
उसका कुछ होता था मतलब
हाथ में जब कभी आती
खर्च या इनकम कराती
पाँव में जो कभी आये
यात्रा हमको कराये
आँख कि खुजली बीमारी
खुजलियां थी ,कई सारी
सर्दियों में तो मगर अब
हो रहे है ,हाल बेढब
हर जगह और हर ठिकाने
चली आती है सताने
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।