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सोमवार, 25 नवंबर 2013

माँ-मेहरबां

            माँ-मेहरबां

आसमां में माँ है,माँ का दिल है फैला आसमां
चन्द्रमा   में माँ है ,माँ की आँखों में है चन्द्रमा
कैसी भी औलाद हो ,रखती हमेशा ख्याल है,
प्यार बच्चों के लिए ,मन में बसा बेइन्तहां
रख्खा है ,नौ माह जिसने ,तुम्हे अपनी कोख में,
तुम सलामत ,खुश रहो,माँगी हमेशा ये दुआ
खुदा की रहमत मिलेगी ,इबादत माँ की करो,
उसके कदमो  में है जन्नत,रहमदिल वो रहनुमा
कितने ही तीरथ करो तुम ,व्रत करो,पूजन करो,
सबसे ज्यादा पुण्य मिलता ,माँ के चरणो को दबा
माँ नहीं,साक्षात् ये तो रूप है भगवान  का ,
करो वंदन ,इसमें बसते ,सारे देवी ,देवता

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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