खट्टा -मीठा
पत्नी जी बोली मुस्का कर
तुम तो कवि हो मेरे डीयर
अपने मन की परते खोलो
मुझसे कुछ ऐसा तुम बोलो
जिससे मन खुश भी हो जाये
पति बोला क्या बोलूँ प्रियतम
तुम ही तो हो मेरा जीवन
किन्तु मुझे लगता है अक्सर
लानत है ऐसे जीवन पर
घोटू
सत्य
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सत्य सत्य है अखंड, एकरसजानने वाला जान रहा प्रतिपल नहीं है भूत या
भविष्य उसके लिए वहाँ कोई भेद नहीं न दिशाओं का न गुणों का भावातीत, कालातीत व
देशातीत वह ब...
1 दिन पहले
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