असर -मौसम का
आजकल का मौसम ,
ही इतना जालिम है ,
अच्छे भले लोगों की ,कमर तक टूट गयी
तुलसी जी को देखो ,
दो महीने पहले ही,
था इनका ब्याह हुआ,और बिलकुल सूख गयी
घोटू
ढाई आखर सभी पढ़ रहे
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ढाई आखर सभी पढ़ रहे प्रेम अमी की एक बूँद हीजीवन को रसमय कर देती, दृष्टि एक
आत्मीयता की अंतस को सुख से भर देती ! प्रेम जीतता आया तबसे जगती नजर नहीं आती
थी, ...
1 घंटे पहले
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