खर्राटे
नींद में गाफिल जो रहते,होंश है उनको कहाँ
उनके खर्राटों को सुन कई,लोग होते परेशां
खुद तो सोते चैन से और दूसरों को जगाते
आदमी को अपने खर्राटे नहीं है सुनाते
इस तरह ही दूसरों की बुराई आती नज़र
लोग अपनी बुराई से,रहा करते बेखबर
झांक कर के देखिये अपने गरेंबां में कभी
नज़र आ जाएगी तुमको,स्वयं की कमियां सभी
कमतरी का अपनी सब,अहसास जिस दी पायेंगे
खर्राटे या बुराई सब खुद बखुद मिट जायेंगे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
महिलाओं की सखी -वन स्टॉप सेंटर
-
वन स्टॉप सेंटर (OSC) हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही जगह पर विभिन्न
सहायता सेवाएं प्रदान करने के लिए स्थापित एक एकीकृत केंद्र है। यह केंद्र
महिलाओं क...
3 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।