कुछ परिभाषायें
1
राष्ट्रपिता
ये वो महान आत्मा है,जो राष्ट्र को बनाता है
भूखा रहता है,उपवास करता है
दुश्मनों से लड़ता है,आन्दोलन करता है
राष्ट्र को गुलामी के फंदे से छुड़ाता है
और गोलियां खाकर के,शहीद हो जाता है
दीवारों पर तस्वीर बन कर बन कर लटक जाता है
या फिर नोटों पर छाप दिया जाता है
साल में एक दिन छुट्टी दिलाता है और याद किया जाता है
वो महा पुरुष,राष्ट्रपिता कहलाता है
२
राष्ट्रपति
ये वो निरीह प्राणी है,
जो घर का मुखिया तो कहलाता है
पर सारे फैसले उसकी बीबी,
याने कि केबिनेट लेती है,
वो तो सिर्फ मोहर लगाता है
पति कि तरह सारे सुख पाता है
पर खुद कुछ नहीं कर पाता है
पति कि तरह रहता है,
इसलिए राष्ट्र पति कहलाता है
३
सांसद निधि
ये जनता से करों द्वारा वसूला गया वो धन है,
जो जनता के नुमाइंदो को,
विकास के लिये बांटा जाता है,
और जिससे वे,पहले अपना ,
फिर अपने परिवार का विकास करते है,
और बची हुई सारी राशि,
अगले चुनाव में,
जनता को लुटा दिया करते है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
अस्तित्त्व और हम
-
अस्तित्त्व और हम जब सौंप दिया है स्वयं को अस्तित्त्व के हाथों में तब भय
कैसा ?जब चल पड़े हैं कदम उस पथ परउस तक जाता है जो तो संशय कैसा ?जब बो दिया
है बीज ...
3 घंटे पहले
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