चार दिन की चांदनी
कौन कहता है कि होती चांदनी है चार दिन,
और उसके बाद फिर होती अँधेरी रात है
आसमां की तरफ को सर उठा ,देखो तो सही,
अमावास को छोड़ कर ,हर रात आता चाँद है
सर्दियों के बाद में चलती है बासंती हवा,
और तपती गर्मियों के बाद में बरसात है
वो ही दिख पाता है तुमको,जैसा होता नजरिया,
सोच जो आशा भरा है, तो सफलता साथ है
देख कर हालात को ,झुकना, बदलना गलत है,
आदमी वो है कि जो खुद ,बदलता हालात है
सच्चे मन से चाह है,कोशिश करो,मिल जाएगा,
उस के दर पर ,पूरी होती ,सभी की फ़रियाद है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
घर के सामने वाहन -BNS में अपराध
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घर के सामने वाहन खड़ा करना, विशेष रूप से यदि यह सार्वजनिक सड़क या किसी और
के प्रवेश द्वार को बाधित करता है, तो यह भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत
दंडनीय...
41 मिनट पहले
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