वेलेनटाइन सप्ताह
(चतुर्थ प्रस्तुति)
वेलेन्टाइन डे -बुढ़ापे में
मनायें वेलेन्टाइन,प्यार का ये तो दिवस है
उम्र के इस दौर के भी,चोंचलों में,बड़ा रस है
बढ़ रही है उमर अपनी ,
आप ये क्यों भूलती है
दर्द घुटनों में तुम्हारे ,
सांस मेरी फूलती है
मै तुम्हे गुलाब क्या दूं,
दाम मंहगे इस कदर है
तुम भी टेडी ,मै भी टेडा ,
हम खुदी टेडी बियर है
चाकलेटें ,ला न सकता ,
क्योंकि ये मुश्किल खड़ी है
तुम्हे भी है डायबीटीज ,
मेरी भी शक्कर बड़ी है
और पिक्चर भी चलें तो,
देख पायेंगें न पिक्चर
ध्यान होगा,युवा लड़के ,
लड़कियों की,हरकतों पर
पार्क में जाकर के घूमें,
उम्र ये ना अब हमारी
माल में जाकर न करनी,
व्यर्थ की खरीद दारी
प्यार का ये पर्व फिर हम,
आज कुछ ऐसे मनाये
तुम पकोड़ी तलो,हम तुम,
प्रेम से मिल,बैठ ,खायें
मै इकहत्तर ,तुम हो पेंसठ ,प्यार अपना जस का तस है
मनायें वेलेन्टाइन ,प्यार का ये तो दिवस है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
Cooling Period Alert- 498A की FIR में दो महीने तक नहीं होगी गिरफ्तारी
-
परिवार कल्याण समिति (FWC) की स्थापना के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा
निर्धारित सुरक्षा उपायों का समर्थन करते हुए वैवाहिक विवादों में भारतीय दंड
संह...
21 घंटे पहले
vah vah kya baat hai ! ek hi kavita me kai bhaav aur kai vyang . bahut sunder.
जवाब देंहटाएं