संगत का असर
सुबह की शीतल हवा,
सूरज का साथ पा,
लू बन, सताती है
संगत के असर से,
आदमी की फितरत भी,
कितनी बदल जाती है
अलग अलग बादल की,
अलग अलग बूँदें भी,
मिल कर धरती पर से
साथ साथ रहती है,
नदिया बन बहती है,
मिलने समंदर से
खेल है किस्मत का,
मगर असर संगत का,
बड़े रंग दिखता है
शादी हो जाने पर,
आदमी के जीवन का,
रुख ही बदल जाता है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
राज्य बार काउंसिल को मौजूदा कानून के तहत राज्य के बार एसोसिएशनों को
उपर्युक्त अवधि के लिए अपने चुनाव स्थगित करने का निर्देश देने का कोई अधिकार
नहीं था -इलाहाबाद हाईकोर्ट -
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इलाहाबाद हाई कोर्ट की माननीय जस्टिस अतुल श्रीधरण और माननीय जस्टिस अनीश
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5 घंटे पहले
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