जीवनसाथी के प्रति
मेरे मन मंदिर की रानी
तेरी संगत सदा सुहानी
जीवन में खुशियां ही खुशियां
तू मेरे जब तलक साथ है
मेरे जीवन में आने का ,
तुझको कोटिश धन्यवाद है
जब तू जीवन में आई थी
मेरा जीवन बदल गया था
नया प्यार था ,नव बहार थी
सब कुछ लगता नया-नया था
तूने करी प्यार की बारिश
और आकंठ डुबाया मुझको
फूल खिला जीवन बगिया में
खुशबू से महकाया मुझको
तुझसे ही घर में रौनक है
चहल पहल है और चहक है
घर के हर कोने में हरदम
फैला रहता आल्हाद है
मेरे जीवन में आने का
तुझको कोटिश धन्यवाद है
तेरी आंखों में ममता है
सच्ची सेवा और समर्पण
रोम रोम में तेरे बसता,
आत्मीयता और अपनापन
मेरी हर पसंद चाहत का
तूने हरदम रखा ख्याल है
बड़े प्रेम और तत्परता से
करती मेरी देखभाल है
अपनी सब तकलीफ भुला कर
सबसे मिलती है मुस्का कर
तेरे बिना जिंदगी मेरी ,
फीकी है और बेस्वाद है
मेरे जीवन में आने का
तुझको कोटिश धन्यवाद है
तूने मुझपे,जितना तुझसे ,
हो सकता था सुख बरसाया
हर विपरीत परिस्थिति में भी
रही सदा बन मेरा साया
बनकर सच्ची जीवन साथी
रही सदा तू साथ निभाती
हृदय दीप की बाती बनकर
रही उजाला तू फैलाती
तेरा तुझ पर प्यार लुटाना
तेरी चाहत निर्विवाद है
मेरे जीवन में आने का ,
तुझको कोटिश धन्यवाद है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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