माता , पांच दोहे
1
हे माता ममतामयी,
कोटिश तुझे प्रणाम
तुझसे ही हमको मिला
यह जीवनअभिराम
2
तू जननी ,पालक तू ही,
शिक्षक तू ही मात
हम तेरे गुण गात हैं
तुझको शीश नमात
3
पग पग जीवन पथ बढ़े
पाकर तुझसे ज्ञान
करती हर संतान पर
तू कितने अहसान
4
तेरे ही हम अंश है
भाई ,बहन, परिवार
तेरे आशीर्वाद से
सब समृद्ध अपार
5
मात तुम्हारे चरण में
ये श्रद्धा के फूल
अर्पित करता प्रेम से
कर लो इन्हें कबूल
मदन मोहन बाहेती घोटू
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