सांत्वना
प्रिया
तुमने दिन भर काम किया
थक गई होगी
आओ तुम्हारे पांव दबा दूं
सर दर्द हो रहा होगा
बाम लगाकर तुम्हारा सर सहला दूं
थोड़ा सा लेट जाओ
कुछ देर सुस्तालो
जरूरत हो तो पेन किलर की गोली खा लो
अरे कुछ नहीं जी
यह तो रोज-रोज का काम है
उमर हो गई है इसीलिए
आ जाती थोड़ी थकान है
क्या करूं काम में इतना व्यस्त रही
कि तुम्हारा ध्यान भी नहीं रख पाई
दिनभर कितनी ही बार तुमने पुकारा
पर मैं ना आई
तुमने ले तो ली थी ना टाइम पर दवाई
पर जब कभी-कभी आ जाते हैं मेहमान
तो रखना पड़ता है उनका ध्यान
तुम भी कितना सहयोग करते हो
सभी का पूरा ध्यान रखते हो
आजकल कौन किसके यहां जाता है
जहां प्यार मिलता है वही तो कोई आता है
सब आते हैं तो यह सूना घर
चहल पहल से जाता है भर
रौनक छा जाती है वीराने में
त्यौहार का मजा ही है मिलकर के मनाने में
रिश्ते बंधे रहते हैं टूटते नहीं है
यह प्यार के बंधन हैं, छूटते नहीं है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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