तू मेरी तकदीर बन गई
मैं सीधा सा भोला भाला
पर तूने घायल कर डाला
गई चीर जो मेरे दिल को ,
नजर तेरी शमशीर बन गई
मैं स्वच्छंद विचरता रहता
अपने मनमाफिक था बहता
तूने प्यार जाल में बांधा,
जुल्फ तेरी जंजीर बन गई
मैं रेतीला राजस्थानी
मिला प्यार का तेरे पानी
तन मन में हरियाली छाई
मेरी छवि कश्मीर बन गई
मैं एक पत्ता हरा भरा था
तूने छुआ रंग निखरा था
मेहंदी हाथ रचाई तूने,
लाल मेरी तस्वीर बन गई
मैं चावल का अदना दाना
पाया तेरा साथ सुहाना
तूने अपने साथ उबाला,
स्वाद भरी फिर खीर बन गई
हाथों में किस्मत की रेखा
लेकिन जब से तुझको देखा
तू और तेरी वर्क रेखाएं
ही मेरी तकदीर बन गई
मदन मोहन बाहेती घोटू
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