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शनिवार, 14 अगस्त 2021

 फेंकू

तुम भी फेंकू,मैं भी फेंकू

रूप तुम्हारा, प्यारा सुंदर और नयना हिरनी से चंचल 
एक नज़र जिसपर भी फेंको,कर देती हो उसको घायल
 एक मीठी मुस्कान फेंक दो , बड़ी आस से तुम को देखूं
तुम भी फेंकू, मैं भी फेंकू 

ऊंची ऊंची फेंका करता, मैं तुम्हारे  प्यार का मारा 
कैसे भी मैं तुम्हें पटा लूं और जीत लूं दिल तुम्हारा 
प्रणय निवेदन करूं ,तुम्हारे आगे अपने घुटने टेंकू
तुम भी फेंकू, मैं भी फेंकू

हम दिल की फेंकाफेंकी में,उलझे कुछ ना कर पाए पर 
फेंकू नेता, ऊंचे ऊंचे ,वादे फेंक ,जमे कुर्सी पर 
भाषण और आश्वासन फेंके ताकि वोट उन्हीं को दे दूं
तुम भी फेंकू, मैं भी फेंकू

हम सब बातों के फेंकू पर ,असली फेंकू निकला नीरज 
भाला फेंक,स्वर्ण ले आया और लहराया भारत का ध्वज 
स्वर्ण पदक टोक्यो में जीता ,बड़े गर्व से  उसको देखूं
 तुम भी फेंकू, मैं भी फेंकू

मदन मोहन बाहेती घोटू

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