बहन से
(राखी के अवसर पर विशेष )
एक डाल के फल हम बहना
संग संग सीखा,सुखदुख सहना
एक साथ थे ,जब कच्चे थे
मौज मनाते ,सब बच्चे थे
वो दिन भी कितने अच्छे थे
एक दूजे पर ,प्यार लूटना ,
याद आता वो मिलजुल रहना
एक डाली के फल हम बहना
ना कोई चिन्ता , जिम्मेदारी
बचपन की सब बातें न्यारी
कितनी सुखकर,कितनी प्यारी
तितली सा उन्मुक्त उछलना ,
शीतल मंद पवन सा बहना
एक डाल के फल हम बहना
पके समय संग ,टूटे,बिछड़े
पाया स्वाद ,मधुर हो निखरे
अलग अलग होकर सब बिखरे
हमने अपना काम संभाला ,
और तुम बनी ,किसी का गहना
एक डाल के फल हम बहना
एक डोर बांधे जो माँ थी
दूजी डोर बांधती राखी
प्रेम का बंधन ,अब भी बाकी
मिलकर,सुख दुःख बांटा करना ,
दिल की अपने , बातें कहना
एक डाल के फल हम बहना
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
(राखी के अवसर पर विशेष )
एक डाल के फल हम बहना
संग संग सीखा,सुखदुख सहना
एक साथ थे ,जब कच्चे थे
मौज मनाते ,सब बच्चे थे
वो दिन भी कितने अच्छे थे
एक दूजे पर ,प्यार लूटना ,
याद आता वो मिलजुल रहना
एक डाली के फल हम बहना
ना कोई चिन्ता , जिम्मेदारी
बचपन की सब बातें न्यारी
कितनी सुखकर,कितनी प्यारी
तितली सा उन्मुक्त उछलना ,
शीतल मंद पवन सा बहना
एक डाल के फल हम बहना
पके समय संग ,टूटे,बिछड़े
पाया स्वाद ,मधुर हो निखरे
अलग अलग होकर सब बिखरे
हमने अपना काम संभाला ,
और तुम बनी ,किसी का गहना
एक डाल के फल हम बहना
एक डोर बांधे जो माँ थी
दूजी डोर बांधती राखी
प्रेम का बंधन ,अब भी बाकी
मिलकर,सुख दुःख बांटा करना ,
दिल की अपने , बातें कहना
एक डाल के फल हम बहना
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 22 अगस्त 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर नेह-डोर । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट से बचपन की सुनहरी स्मृतियां ताजा हो गई। अत्यंत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंhttps://hindisuccess.com