एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

रविवार, 4 जुलाई 2021

अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल 
 लड़की एक जिया को भायी,दिल ना सक्यो संभाल खुशी फिरयो मैं नाच्यो नाच्यों, अपना जियो उछाल
 हुई सगाई सखा संग नाच्यो,खूब मचाई धमाल 
 शादी में ,बारात में नाच्यो,गले पड़ी वरमाल 
 बाद इशारन पर पत्नी के ,नाच रयो हर हाल
 शादी बाद गृहस्थी को फिर ऐसो फस्यो जंजाल
 अब दिन रात फिरत हूं नाच्यो, लाने रोटी दाल
 अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल

घोटू

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-