एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

बुधवार, 21 जुलाई 2021

कोविड में

 कोविड में कुछ कर न सके हम,दूरी रखनी थी कायम ,
  चुपके-चुपके, इनसे उनसे,नैन लड़ाना सीख गए
 मुख पर उनके मास्क,हमारे मुख पर भी था मास्क चढ़ा 
बातचीत तो हो ना पायी, बात बढाना सीख गए 
 अब जब मुख से मास्क हटा तो यह पहचान नहीं होती
 थे वे कौन रसीले नैना, जिनसे नयन लड़ाए थे ,
 निश्चित शोख हसीना होगी, अच्छा टाइम पास हुआ,
 लॉकडाउन में दिल पर अपने लॉक लगाना सीख गए

मदन मोहन बाहेती घोटू

2 टिप्‍पणियां:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-