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गुलाबी ठंडक लिए, महीना दिसम्बर हुआ
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कोहरे का घूंघट,
हौले से उतार कर।
चम्पई फूलों से,
रूप का सिंगार कर।
अम्बर ने प्यार से,
धरती को जब छुआ।
गुलाबी ठंडक लिए,
महीना दिसम्बर हुआ।
धूप गुनगुनाने ...
7 घंटे पहले
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