एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

रविवार, 28 जून 2020

कितने दल दल

कोरोना से छाये है दहशत के बादल
बारिश में घिरआये बादल के दल के दल
सीमा पर जमा हुए ,फौजों के दल के दल
दुनिया पर मंडराते ,विश्वयुद्ध के बादल
बार बार भूकम्पों से  धरती रही दहल
ऊपर से खेतों में आ बैठा टिड्डी दल
चंद राजनैतिक दल ,दाल रहे अपनी दल
फैलाते आरोपों का कीचड और दल दल
एक साथ इतने सब ,संकट का ये दल दल
दिल में डर.नहीं बदल सकता पर भाग्य प्रबल

मदन मोहन बाहेती ;घोटू ;   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-