विवाह की वर्षगाँठ पर
मैं अठत्तर ,तुम तिहत्तर ,ख़ुशी का उत्सव मनायें
पर्व पावन ,ये मिलन का ,प्यार की ज्योति जलायें
मिलन का संयोग अपना ,लिखा ऐसा विधाता ने
एक दूजे की ,उमर भर ,रहेंगे हम बांह थामे
परिस्तिथियाँ ,कठिन से भी कठिन हो ,देंगे सहारा
हृदय में तुमको बिठा कर , उदेलेंगे प्यार सारा
दो बदन एक जान है हम ,दो हृदय पर एक धड़कन
प्रेम अपना ,एक दूजे को रहें करते समर्पण
हँसते हँसते ,यूं ही जीवन ,काट दे ,रूठें ,मनाये
पर्व आया है मिलन का ,प्यार की ज्योति जलाये
घोटू
मैं अठत्तर ,तुम तिहत्तर ,ख़ुशी का उत्सव मनायें
पर्व पावन ,ये मिलन का ,प्यार की ज्योति जलायें
मिलन का संयोग अपना ,लिखा ऐसा विधाता ने
एक दूजे की ,उमर भर ,रहेंगे हम बांह थामे
परिस्तिथियाँ ,कठिन से भी कठिन हो ,देंगे सहारा
हृदय में तुमको बिठा कर , उदेलेंगे प्यार सारा
दो बदन एक जान है हम ,दो हृदय पर एक धड़कन
प्रेम अपना ,एक दूजे को रहें करते समर्पण
हँसते हँसते ,यूं ही जीवन ,काट दे ,रूठें ,मनाये
पर्व आया है मिलन का ,प्यार की ज्योति जलाये
घोटू
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