मटर पनीर
मैं ,फटे हुए दूध सा ,
दबाया गया ,रसविहीन ,
टुकड़ों में काटा गया पनीर
तुम ,हरी भरी,गठीली ,
गोलमोल मटर के दानो सी ,
मटरगश्ती करती हुई ,अधीर
टमाटर की ग्रेवी की तरह ,
लिए हुवे लाली
यौवन से भरी,मतवाली
गृहस्थी की कढ़ाई में ,हमारा मिलन
आपसी नोकझोंक वाली छौंक से ,
मसालेदार हुआ हमारा वैवाहिक जीवन
आज सुखी है,आबाद है
उसमे। मटर पनीर वाला स्वाद है
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।