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सोमवार, 10 जुलाई 2017

ऐसा भी होता है 

एक कोने में पलंग के ,हम रहते मजबूर 
उस कोने में पलंग के ,पत्नी सोती दूर 
पत्नी सोती दूर ,नींद ना आती ढंग से 
एक रात करवट बदली,वो गिरी पलंग से
तबसे मुझसे लिपटी चिपटी वो सोवे है  
हर मुश्किल का अंत सदा अच्छा होवे है 

घोटू 

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