हसरत और हक़ीक़त
चाहता था कि बन जाऊं ,खिलाड़ी एक मै बेहतर
बनू या फिर कोई एक्टर ,कला के दिखलाऊं जौहर
या फिर बन जाऊं मैं नेता,मुझे था बोलना आता
या बिजनेसमेन बन जाऊं ,कमा जो ढेर सा लाता
मगर किस्मत के चक्कर में ,नहीं कुछ ऐसा बन पाया
हुई शादी, मिली बीबी ,रह गया बन के चौपाया
बना ऐसा खिलाड़ी हूँ, खेलता हाथों किस्मत के
रोज बनता हूँ मै एक्टर , दिखाता रंग नाटक के
बीबी ,बच्चों को,नेता बन ,रोज देता हूँ मैं भाषण
जल्द अच्छे दिन आएंगे ,दिया करता हूँ आश्वासन
गृहस्थी जो चलाना है , कमाना भी जरूरी है
बन गया हूँ मैं बिजनेस मेन ,हुई सब इच्छा पूरी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
चाहता था कि बन जाऊं ,खिलाड़ी एक मै बेहतर
बनू या फिर कोई एक्टर ,कला के दिखलाऊं जौहर
या फिर बन जाऊं मैं नेता,मुझे था बोलना आता
या बिजनेसमेन बन जाऊं ,कमा जो ढेर सा लाता
मगर किस्मत के चक्कर में ,नहीं कुछ ऐसा बन पाया
हुई शादी, मिली बीबी ,रह गया बन के चौपाया
बना ऐसा खिलाड़ी हूँ, खेलता हाथों किस्मत के
रोज बनता हूँ मै एक्टर , दिखाता रंग नाटक के
बीबी ,बच्चों को,नेता बन ,रोज देता हूँ मैं भाषण
जल्द अच्छे दिन आएंगे ,दिया करता हूँ आश्वासन
गृहस्थी जो चलाना है , कमाना भी जरूरी है
बन गया हूँ मैं बिजनेस मेन ,हुई सब इच्छा पूरी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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