ये बीबियाँ
पति भले ही स्वयं को है सांड के जैसा समझता ,
पत्नी आगे गऊ जैसी ,आती उसमे सादगी है
पति को किस तरह से वो डांट कर के रखा करती ,
आइये तुमको बताते ,उसकी थोड़ी बानगी है
पायलट की पत्नी अपने पति से ये बोलती है,
देखो ज्यादा मत उड़ो तुम,जमीं तुमको दिखा दूंगी
और पत्नी 'डेंटिस्ट' की ,कहती पति से चुप रहो तुम,
वर्ना जितने दांत तुम्हारे,सभी मै हिला दूंगी
प्रोफ़ेसर की प्रिया अपने पति को यह पढ़ाती है,
उमर भर ना भूल पाओगे ,सबक वो सिखाउंगी
और बीबी एक्टर की ,रोब पति पर डालती है ,
भूलोगे नाटक सभी जब एक्टिंग मै दिखाउंगी
सी ए की पत्नी पति से कहती है कि माय डीयर,
मेरे ही हिसाब से ,रहना तुम्हे है जिंदगी भर
वरना तुम्हारा सभी हिसाब ऐसा बिगाड़ूगीं ,
कि सभी 'बेलेंस शीटें 'तुम्हारी हो जाए गड़बड़
पत्नी ने इंजीनियर की ,समझाया अपने पति को,
टकराना मुझसे नहीं तुम,पेंच ढीले सब करूंगी
'इंटेरियर डिजाइनर 'की प्रियतमा उससे ये बोली
मुझसे जो पंगा लिया ,एक्सटीरियर बिगाड़ दूंगी
नृत्य निर्देशक कुशल है हुआ करती हर एक बीबी,
जो पति को उँगलियों के इशारों पर है नचाती
उड़ा करते है हवा में ,घर के बाहर जो पतिगण ,
घर में अच्छे अच्छे पति की,भी हवा है खिसक जाती
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
पति भले ही स्वयं को है सांड के जैसा समझता ,
पत्नी आगे गऊ जैसी ,आती उसमे सादगी है
पति को किस तरह से वो डांट कर के रखा करती ,
आइये तुमको बताते ,उसकी थोड़ी बानगी है
पायलट की पत्नी अपने पति से ये बोलती है,
देखो ज्यादा मत उड़ो तुम,जमीं तुमको दिखा दूंगी
और पत्नी 'डेंटिस्ट' की ,कहती पति से चुप रहो तुम,
वर्ना जितने दांत तुम्हारे,सभी मै हिला दूंगी
प्रोफ़ेसर की प्रिया अपने पति को यह पढ़ाती है,
उमर भर ना भूल पाओगे ,सबक वो सिखाउंगी
और बीबी एक्टर की ,रोब पति पर डालती है ,
भूलोगे नाटक सभी जब एक्टिंग मै दिखाउंगी
सी ए की पत्नी पति से कहती है कि माय डीयर,
मेरे ही हिसाब से ,रहना तुम्हे है जिंदगी भर
वरना तुम्हारा सभी हिसाब ऐसा बिगाड़ूगीं ,
कि सभी 'बेलेंस शीटें 'तुम्हारी हो जाए गड़बड़
पत्नी ने इंजीनियर की ,समझाया अपने पति को,
टकराना मुझसे नहीं तुम,पेंच ढीले सब करूंगी
'इंटेरियर डिजाइनर 'की प्रियतमा उससे ये बोली
मुझसे जो पंगा लिया ,एक्सटीरियर बिगाड़ दूंगी
नृत्य निर्देशक कुशल है हुआ करती हर एक बीबी,
जो पति को उँगलियों के इशारों पर है नचाती
उड़ा करते है हवा में ,घर के बाहर जो पतिगण ,
घर में अच्छे अच्छे पति की,भी हवा है खिसक जाती
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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