सर्दी -मौसम खानपान का
हम सर्दी का मज़ा उठायें ,मौसम बड़ा सुहाना
बैठ धूप में अच्छा लगता,हमें मूंगफली खाना
गरम चाय की चुस्की लेना ,सबके मन को भाता
अगर साथ हो गरम पकोड़े ,मज़ा चौगुना आता
कभी कभी मक्का की रोटी ,और सरसों का साग
तिल की पट्टी ,गज़क रेवड़ी ,इनका नहीं जबाब
गरम गरम रस भरी जलेबी और गुलाबजामुन
देख टपकती लार और मन होता अफ़लातून
खानपान का मौसम होता है मौसम सर्दी का
सोहन या बादाम का हलवा ,खाओ देशी घी का
कितना भी गरिष्ठ हो खाना ,सर्दी में सब पचता
आलू टिक्की की खुशबू से कोई नहीं बच सकता
गरम पराठे मेथी के या मूली या कि मटर के
सर्दी में ही मिल पातें है ,क्यों न खाएं जी भर के
जिन्हे फ़िकर अपने फ़ीगर की खाया करे सलाद
हम तो खाए गोंद के लड्डू ,ले ले कर के स्वाद
प्रचुर विटामिन 'डी 'पाओगे और निखरेगा रूप
मैं खाऊ गाजर का हलवा और तुम खाओ धूप
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
हम सर्दी का मज़ा उठायें ,मौसम बड़ा सुहाना
बैठ धूप में अच्छा लगता,हमें मूंगफली खाना
गरम चाय की चुस्की लेना ,सबके मन को भाता
अगर साथ हो गरम पकोड़े ,मज़ा चौगुना आता
कभी कभी मक्का की रोटी ,और सरसों का साग
तिल की पट्टी ,गज़क रेवड़ी ,इनका नहीं जबाब
गरम गरम रस भरी जलेबी और गुलाबजामुन
देख टपकती लार और मन होता अफ़लातून
खानपान का मौसम होता है मौसम सर्दी का
सोहन या बादाम का हलवा ,खाओ देशी घी का
कितना भी गरिष्ठ हो खाना ,सर्दी में सब पचता
आलू टिक्की की खुशबू से कोई नहीं बच सकता
गरम पराठे मेथी के या मूली या कि मटर के
सर्दी में ही मिल पातें है ,क्यों न खाएं जी भर के
जिन्हे फ़िकर अपने फ़ीगर की खाया करे सलाद
हम तो खाए गोंद के लड्डू ,ले ले कर के स्वाद
प्रचुर विटामिन 'डी 'पाओगे और निखरेगा रूप
मैं खाऊ गाजर का हलवा और तुम खाओ धूप
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
bahut badhiya
जवाब देंहटाएंसर्दी का मौसम कविता में उतर आया.
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