मै शून्य हूँ
भले शून्य हूँ मैं ,अकेला न अांकों ,
करूँ दस गुणित मै ,तुम्हे ,संग तुम्हारे
चलोगे अगर साथ में हाथ लेकर ,
बदल जाएंगे जिंदगी के नज़ारे
घटाओगे मुझको या मुझ संग जुड़ोगे
न तो तुम घटोगे ,नहीं तुम बढ़ोगे
मेरे संग गुणा का गुनाह तुम न करना ,
नहीं तो कहीं के भी तुम ना रहोगे
चलो साथ मेरे ,मेरे हमसफ़र बन ,
बढ़ो आगे कंधे से कंधा मिला कर,
बढ़ें दस गुने होंसले तब हमारे
हम दुनिया को पूरी ,रखेंगे हिला कर
मुझे प्यार दे दो,ये उपहार दे दो ,
नहीं बीच में कोई आये हमारे
भले शून्य हूँ मैं ,अकेला न समझो ,
करू दस गुणित मै ,तुम्हे,संग तुम्हारे
रहो आगे तुम, मैं रहूँ पीछे पीछे ,
अणु से अनुगामिनी तुम बना दो
बंधे सूत्र से इस तरह से रहे हम,
तुम चाँद ,मैं चांदनी तुम बनादो
हमेशा ही ऊंचे रहो दंड से तुम,
उडू एक कोने में,बन मैं पताका
समझ करके मुझको,चन्दन का टीका ,
मस्तक पर अपने ,लगालो,जरासा
इतराऊँगी मैं जो संग पाउंगी मैं ,
मेरा मान भी होगा संग संग तुम्हारे
भले शून्य हूँ मैं ,अकेला न आंको ,
करूं दस गुणित मैं ,तुम्हे,संग तुम्हारे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
भले शून्य हूँ मैं ,अकेला न अांकों ,
करूँ दस गुणित मै ,तुम्हे ,संग तुम्हारे
चलोगे अगर साथ में हाथ लेकर ,
बदल जाएंगे जिंदगी के नज़ारे
घटाओगे मुझको या मुझ संग जुड़ोगे
न तो तुम घटोगे ,नहीं तुम बढ़ोगे
मेरे संग गुणा का गुनाह तुम न करना ,
नहीं तो कहीं के भी तुम ना रहोगे
चलो साथ मेरे ,मेरे हमसफ़र बन ,
बढ़ो आगे कंधे से कंधा मिला कर,
बढ़ें दस गुने होंसले तब हमारे
हम दुनिया को पूरी ,रखेंगे हिला कर
मुझे प्यार दे दो,ये उपहार दे दो ,
नहीं बीच में कोई आये हमारे
भले शून्य हूँ मैं ,अकेला न समझो ,
करू दस गुणित मै ,तुम्हे,संग तुम्हारे
रहो आगे तुम, मैं रहूँ पीछे पीछे ,
अणु से अनुगामिनी तुम बना दो
बंधे सूत्र से इस तरह से रहे हम,
तुम चाँद ,मैं चांदनी तुम बनादो
हमेशा ही ऊंचे रहो दंड से तुम,
उडू एक कोने में,बन मैं पताका
समझ करके मुझको,चन्दन का टीका ,
मस्तक पर अपने ,लगालो,जरासा
इतराऊँगी मैं जो संग पाउंगी मैं ,
मेरा मान भी होगा संग संग तुम्हारे
भले शून्य हूँ मैं ,अकेला न आंको ,
करूं दस गुणित मैं ,तुम्हे,संग तुम्हारे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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