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गुरुवार, 1 सितंबर 2022

धन्यवाद

 यह सब किस्मत का फेरा था
  मुझे बीमारी ने घेरा था 
इतना  ज्यादा मैं घबराया,
 आंखों आगे अंधेरा था
  इतनी ज्यादा कमजोरी थी 
  चलना फिरना भी दूभर था 
  बचा नहीं था दम पैरों में,
  और पूरा तन ही जर्जर था 
  तबीयत थी इतनी घबराई 
  लगता था अंतिम घड़ी आई 
  तब डॉक्टर ने देवदूत बन
  किया इलाज दिया नवजीवन
   शुभचिंतक ने सच्चे मन से 
   करी प्रार्थना थी भगवन से 
   दुआ, दवा ने असर दिखाया 
   मैं विपदा से बाहर आया 
   धीरे-धीरे स्वास्थ्य लाभ कर 
   मेरी हालत अब है बेहतर 
   पूर्ण स्वस्थ होने में लेकिन
    अभी लगेंगे कितने ही दिन 
    आप सभी से विनती इतनी
    कृपा बनाए रखना अपनी
    
    धन्यवाद
मदन मोहन बाहेती घोटू 

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