एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

गुरुवार, 8 सितंबर 2022

ऐसे जियो
1

 अपने जीवन में करो, सदा यही शुभ काम
 करो बुजुर्गों का सदा, श्रद्धा से सन्मान 
 श्रद्धा से सन्मान, मित्र का साथ निभाओ 
 और अपने छोटो पर जी भर प्यार लुटाओ 
 कभी किसी का बुरा न सोचो, खुशियां बांटो
  ऐसे हंसी खुशी से जीवन अपना काटो 
  2
  मन में सबके वास्ते रखो सदा सद्भाव 
  बैर किसी से ना रखो जीने का सुख पाव
  जीने का सुख पाव, मुसीबत आए कोई पर करने उसकी मदद ,रहो तुम हरदम तत्पर 
  किसी दुखी की दुआ ,असर करती है भारी 
  हर लेती है कष्ट रोग और सब बीमारी 
  3
बुरा किसी का मत करो, रखो बुरा मत सोच 
अपने मन में मत रखो, चिंताओं का बोझ
 चिंताओं का बोझ, मोह माया को त्यागो 
 बहुत सो लिए ,अंतिम प्रहर आ गया जागो जितना वक्त बचा है ,रमा राम में निज मन
  करो प्रभु आराधन ,सफल बनाओ जीवन

मदन मोहन बाहेती घोटू 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-