चांडाल चौकड़ी
यह सारे उत्दंड तत्व है,
ईर्षा, द्वेष,मोह और माया
इस चंडाल चौकड़ी ने ही,
मिलकर है उत्पात मचाया
जग के हर झगड़े की जड़ में
हर फसाद में ,हर गड़बड़ में
जब भी हमने कारण ढूंढा,
छुपा इन्ही तत्वों को पाया
देख फूलता फलता कोई ,
उससे जलना मन ही मन में
और किसी से द्वेष पालना
हरदम दुख देता जीवन में
होती प्रगति देख किसी की
मन लाओ लहर खुशी की
जिसने भी ये पथ अपनाया
सच्चा सुख है उसने पाया
ये सारे उदंड तत्व हैं
ईर्षा, द्वेष मोह और माया
मन जो उलझा अगर मोह में
तो बिछोह में दुख होता है
जो फसता माया चक्कर में ,
निज सुखचैन सभी खोता है
जर,जमीन, जोरू के झगड़े ,
में कितने ही घर है उजड़े
इनमे जो भी कोई उलझा,
होकर दुखी ,बहुत पछताया
ये सारे उदंड तत्व हैं,
ईर्षा, द्वेष, मोह और माया
मदन मोहन बाहेती घोटू
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