लालच या बहानेबाजी
कहने को तो डाइटिंग पर चल रहे ,पर मिला न्योता ,
मुफ्त में मिल रही दावत ,चलो ज्यादा ठूस ही ले
सूख नीरस हुआ गन्ना ,जानते हम रस नहीं है ,
मुफ्त में पर मिल रहा है ,चलो थोड़ा चूस ही लें
पेट थोड़ा लूज़ है पर ,सालियान इसरार करती ,
ये भी खा लो ,वो भी खा लो ,टाल दें कैसे अनुग्रह
यार दोस्तों ने पिला दी ,हमें मालूम ,चढ़ गयी है ,
पेग पर हम पेग पीते ,भावना में जा रहे बह
थोड़ा लालच ,थोड़ी नीयत ,और कुछ भावुक हृदय हम ,
बात सबकी मानते ना तोड़ सकते दिल किसीका
डाइबिटीज भी हो गयी है ,और ब्लडप्रेशर बढ़ा है ,
कई बिमारी ग्रसित है ,मिल रहा है फल इसीका
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
कहने को तो डाइटिंग पर चल रहे ,पर मिला न्योता ,
मुफ्त में मिल रही दावत ,चलो ज्यादा ठूस ही ले
सूख नीरस हुआ गन्ना ,जानते हम रस नहीं है ,
मुफ्त में पर मिल रहा है ,चलो थोड़ा चूस ही लें
पेट थोड़ा लूज़ है पर ,सालियान इसरार करती ,
ये भी खा लो ,वो भी खा लो ,टाल दें कैसे अनुग्रह
यार दोस्तों ने पिला दी ,हमें मालूम ,चढ़ गयी है ,
पेग पर हम पेग पीते ,भावना में जा रहे बह
थोड़ा लालच ,थोड़ी नीयत ,और कुछ भावुक हृदय हम ,
बात सबकी मानते ना तोड़ सकते दिल किसीका
डाइबिटीज भी हो गयी है ,और ब्लडप्रेशर बढ़ा है ,
कई बिमारी ग्रसित है ,मिल रहा है फल इसीका
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
आप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पोस्ट
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