हर दिन को त्योंहार किया है पत्नी ने
होली रंग में रंगा ,दिवाली दीप जला ,
हर दिन को त्यौहार किया है पत्नी ने
जीवन बगिया को महका ,मुस्कानो से ,
सपनो को साकार किया है पत्नी ने
वादा हर सुखदुख में साथ निभाने का ,
सिर्फ किया ही नहीं ,निभाया है उसने ,
प्रेम नीर से ,भरी हुई सी ,बदली बन ,
सदा प्रेम रस सब पर बरसाया उसने
मैं एकाकी था ,मुझको जीवन पथ पर ,
साथ दिया ,उपकार किया है पत्नी ने
होली रंग में रंगा, दिवाली दीप जला ,
हर दिन को त्यौहार किया है पत्नी ने
शिक्षक कभी सहायक ,परामर्शदात्री ,
बन कर मुझको सदा रखा अनुशासन में
कभी अन्नपूर्णा बन किया भरण पोषण ,
बनी सहचरी ,सुख सरसाये जीवन में
कभी हारने लगा ,मुझे ढाढ़स बाँधा ,
ममता दे ,उपचार किया है पत्नी ने
होली रंग में रंगा ,दिवाली दीप जला ,
हर दिन को त्योंहार किया है पत्नी ने
अब तो यही प्रार्थना मेरी ईश्वर से
ऐसा सब पर प्यार लुटाती रहे सदा
जैसा अब तक साथ निभाती आई है ,
अंतिम क्षण तक साथ निभाती रहे सदा
जैसी मुझको मिली ,मिले सबको वैसी ,
प्यार भरा संसार दिया है पत्नी ने
होली रंग में रंगा ,दिवाली दीप जला
हर दिन को त्यों हर किया है पत्नी ने
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
होली रंग में रंगा ,दिवाली दीप जला ,
हर दिन को त्यौहार किया है पत्नी ने
जीवन बगिया को महका ,मुस्कानो से ,
सपनो को साकार किया है पत्नी ने
वादा हर सुखदुख में साथ निभाने का ,
सिर्फ किया ही नहीं ,निभाया है उसने ,
प्रेम नीर से ,भरी हुई सी ,बदली बन ,
सदा प्रेम रस सब पर बरसाया उसने
मैं एकाकी था ,मुझको जीवन पथ पर ,
साथ दिया ,उपकार किया है पत्नी ने
होली रंग में रंगा, दिवाली दीप जला ,
हर दिन को त्यौहार किया है पत्नी ने
शिक्षक कभी सहायक ,परामर्शदात्री ,
बन कर मुझको सदा रखा अनुशासन में
कभी अन्नपूर्णा बन किया भरण पोषण ,
बनी सहचरी ,सुख सरसाये जीवन में
कभी हारने लगा ,मुझे ढाढ़स बाँधा ,
ममता दे ,उपचार किया है पत्नी ने
होली रंग में रंगा ,दिवाली दीप जला ,
हर दिन को त्योंहार किया है पत्नी ने
अब तो यही प्रार्थना मेरी ईश्वर से
ऐसा सब पर प्यार लुटाती रहे सदा
जैसा अब तक साथ निभाती आई है ,
अंतिम क्षण तक साथ निभाती रहे सदा
जैसी मुझको मिली ,मिले सबको वैसी ,
प्यार भरा संसार दिया है पत्नी ने
होली रंग में रंगा ,दिवाली दीप जला
हर दिन को त्यों हर किया है पत्नी ने
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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