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रविवार, 23 जून 2019

जवानी के बीते दिन


हमें वो प्यार की बातें पुरानी याद आती है
एक राजा याद आता है एक रानी याद आती है
जवानी में कभी ना ख्याल तक आया बुढ़ापे का ,
बुढ़ापा आगया तो अब जवानी  याद आती है
सुनहरे होते थे दिन और रंगीली रात होती थी ,
हवा में उड़ते थे ,साँझें सुहानी याद आती है
बहुत पुश्तैनी दौलत थी,उड़ादी यूं ही मस्ती में ,
अब करना काम पड़ता है तो नानी याद आती है
सुनु में माँ की या फिर बात अपनी बीबी की मानूँ ,
मुसीबत मेरी ,उनकी खींचातानी याद आती है  
बुढ़ापे में सहारे की ,बड़ी उम्मीद थी जिनसे ,
न पूंछें ,बच्चों की हरकत ,बेगानी याद आती है
 तभी कोने से एक दिल के ,आई आवाज ये 'घोटू '
नहीं ये मेरी, घर घर की ,कहानी याद आती है

घोटू 

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