ख्वाब में ही सही रोज़ आया करो
मेरी रातों को रौशन बनाया करो
ये मुहब्बत यूँ ही रोज़ बढती रहे
इस कदर धड़कनें तुम बढ़ाया करो
मैं यहाँ तुम वहाँ दूरियां हैं बहुत
अपनी बातों से इनको मिटाया करो
मुझको प्यारा तुम्हारा है गुस्सा बहुत
इसलिए तुम कभी रूठ जाया करो
मुझे घेरें कभी मायूसियां जो अगर
बच्चों सी दिल को तुम गुदगुदाया करो
तुमको मालूम है लोग जल जाते हैं
नाम मेरा लबों पे न लाया करो
जुड़ गयी ज़िन्दगी इसलिए तुम भी अब
नाम के आगे चर्चित लगाया करो
- VISHAAL CHARCHCHIT
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना..... आभार
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई रचना पर आपके विचारों का इन्तजार।