दो दो मायें
हर एक के जीवन में दो माँ,एक कुदरती,एक कानूनी
शादी बाद 'मदर इन लॉ 'मिल,कर देती है खुशियां दूनी
जन्मदायिनी माँ का तो दिल,हरदम भरा प्यार से रहता
जीवनसाथी की माँ में भी,झरना सदा प्यार का बहता
माँ और सासू माँ , दोनों बिन,लगे जिंदगी सूनी सूनी
हर एक के जीवन में दो माँ,एक कुदरती,एक कानूनी
दे दामाद ख़ुशी बेटी को, सासू माँ का प्यार उमड़ता
पोता दे और वंश बढ़ाये ,सास बहू रिश्ता, रंग चढ़ता
एक दूजे के प्रति दोनों में ,होती प्रीत,मगर अंदरूनी
हर एक के जीवन में दो माँ ,एक कुदरती,एक कानूनी
पति पत्नी का,एक दूजे की ,माँ के संग संबंध निराला
अगर मिले मन,स्वर्ग बने घर,नहीं मिले तो गड़बड़झाला
इन दोनों की नोक झोंक बिन ,लगे जिंदगी बड़ी अलूनी
हर एक के जीवन में दो माँ,एक कुदरती,एक कानूनी
मदनमोहन बाहेती'घोटू'
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