एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

बुधवार, 23 मार्च 2016

गोबर की अहमियत

        गोबर की अहमियत

हमारी जिंदगी में कदर कितनी गाय भेंसों की ,
एक छोटे से उदाहरण से ,समझ सब आप सकते है
करे इंसान विष्टा तो,बहा  दी जाती है फ्लश में,
करे गर गाय गोबर तो,हम उपले थाप रखते है
पवित्तर मानते इतना ,लगाते चौका गोबर का ,
हवन में काम में लाते ,जलाते आग चूल्हे की,
उन्ही के अंगारों पर रोटियां हम सेक खाते है ,
बचे जो राख ,उससे भी ,हम बरतन साफ़ करते है

घोटू

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-