होलिका दहन
एक हसीना थी
बड़ी नाजनीना थी
जलवे दिखाती थी
सबको जलाती थी
करती थी ठिठोली
नाम था होली
उसको था वरदान
कोई भी इंसान
उसका संग पायेगा
बेचारा जल जाएगा
और एक प्रह्लाद था
एकदम फौलाद था
ग्यानी और गुणी था
धुन का धुनी था
होली के मन भाया
गोदी में बैठाया
उसको था जलाना
पर वो था दीवाना
नहीं किसी से कम था
फौलादी जिसम था
बड़ा ही था बली
जलाने उसे चली
कोशिश बेकार गई
बेचारी हार गयी
मात यहाँ पर खायी
उसे जला ना पायी
खुद ही पिघल गयी
होलिका जल गई
मदन मोहन बाहेती'घोटू;'
एक हसीना थी
बड़ी नाजनीना थी
जलवे दिखाती थी
सबको जलाती थी
करती थी ठिठोली
नाम था होली
उसको था वरदान
कोई भी इंसान
उसका संग पायेगा
बेचारा जल जाएगा
और एक प्रह्लाद था
एकदम फौलाद था
ग्यानी और गुणी था
धुन का धुनी था
होली के मन भाया
गोदी में बैठाया
उसको था जलाना
पर वो था दीवाना
नहीं किसी से कम था
फौलादी जिसम था
बड़ा ही था बली
जलाने उसे चली
कोशिश बेकार गई
बेचारी हार गयी
मात यहाँ पर खायी
उसे जला ना पायी
खुद ही पिघल गयी
होलिका जल गई
मदन मोहन बाहेती'घोटू;'
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