आज का देहली का मौसम
थका थका सा दुखी लग रहा सूरज पीला,
अलसाई अलसाई सी नज़रों से देखे
छुपा हुआ है ओढ़ घने कोहरे की चादर ,
ऐसा लगता 'धूप ' गई है अपने मैके
शायद रूठ गई मौसम की बेरहमी से ,
या फिर शीत हवाएँ उसकी सौत बन गई
देखें,कब तक ,कौन जीत पायेगा,किसको,
ऐसी ही जिद ,इन दोनों के बीच ठन गयी
लेकिन रिमझिम बरसी फिर बारिश की बूँदें ,
जैसे हो सन्देश सुलह का ,लेकर आई
कोहरा छंटा ,मिट गया झगड़ा उन दोनों का,
सूरज चमका ,धूप सुनहरी ,फिर मुस्काई
घोटू
थका थका सा दुखी लग रहा सूरज पीला,
अलसाई अलसाई सी नज़रों से देखे
छुपा हुआ है ओढ़ घने कोहरे की चादर ,
ऐसा लगता 'धूप ' गई है अपने मैके
शायद रूठ गई मौसम की बेरहमी से ,
या फिर शीत हवाएँ उसकी सौत बन गई
देखें,कब तक ,कौन जीत पायेगा,किसको,
ऐसी ही जिद ,इन दोनों के बीच ठन गयी
लेकिन रिमझिम बरसी फिर बारिश की बूँदें ,
जैसे हो सन्देश सुलह का ,लेकर आई
कोहरा छंटा ,मिट गया झगड़ा उन दोनों का,
सूरज चमका ,धूप सुनहरी ,फिर मुस्काई
घोटू
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