मौसम के मुताबिक़ चलो
गर्मी में गोला बर्फ का ,सर्दी में रेवड़ी ,
जो बेचते है ,साल भर उनकी कमाई है
सर्दी में शाल,कार्डिगन,गमी में स्लीवलेस ,
पहनावा पहने औरतें पड़ती दिखाई है
गर्मी में ऐ सी ,कूलरों में आती नींद है ,
सर्दी में हमको ओढ़नी पड़ती रजाई है
मौसम के मुताबिक़ ही बदलो अपनेआप को ,
इसमें ही सुख है ,फायदा,सबकी भलाई है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
गर्मी में गोला बर्फ का ,सर्दी में रेवड़ी ,
जो बेचते है ,साल भर उनकी कमाई है
सर्दी में शाल,कार्डिगन,गमी में स्लीवलेस ,
पहनावा पहने औरतें पड़ती दिखाई है
गर्मी में ऐ सी ,कूलरों में आती नींद है ,
सर्दी में हमको ओढ़नी पड़ती रजाई है
मौसम के मुताबिक़ ही बदलो अपनेआप को ,
इसमें ही सुख है ,फायदा,सबकी भलाई है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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